MA History- MHI- 101 Unit - 10 (परवर्ती रोमन संसार)

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 Unit - 10 (परवर्ती रोमन संसार) Part-03

रोमन साम्राज्य में निम्न वर्गों एवं दासों की स्थिति

 

Ø  रोमन साम्राज्य में निम्न वर्ग आमतौर से कृषि एवं उच्च वर्गों की सेवा किया करते थे

Ø  निम्न वर्ग में कृषकों का सबसे बड़ा वर्ग था

Ø  वे उच्च वर्ग की सेवा के साथ-साथ बेगार का भी काम करते थे

Ø  निम्न वर्ग में मजदूर भी शामिल थे

Ø  जब किसानों पर कर का बोझ बढ़ने लगा, तो वे कृषि का कार्य छोड़कर शहरों में मजदूरी करने के लिए प्रयास करने लगे थे।

Ø  किसान सेना, चर्च और शहरों में मजदूरी करने लगे।

Ø  निम्न वर्ग के अंतर्गत किसान एवं मजदूर के अलावा कुम्हार, शिक्षक, बाजीगर और वेश्याएँ भी आती थीं।

Ø  निम्न वर्ग की स्थिति रोमन साम्राज्य में बहुत अच्छी नहीं थी।

Ø  राजशाही द्वारा अक्सर निम्न वर्ग का शोषण विभिन्न रूपों में किया जाता था;

Ø  जैसे-किसानों से अधिक कर लेकर, मजदूरों से बेगार करवाकर आदि।

 

Ø  दासों की स्थिति भी काफी दयनीय थी।

Ø  दासों द्वारा पैदा किए गए कृषीय उत्पादों को रोमन अभिजात वर्ग द्वारा हड़प लिया जाता था।

Ø  रोमन कानून में दासों को सम्पत्ति माना जाता था

Ø  रोमन दासों को बेचा या खरीदा जाता था।

Ø  उनकी स्थिति रोम साम्राज्य में पशुओं के समान थीं।

Ø  दासों का रखरखाव थोड़ा महंगा होता था।

Ø  जब दासों की संख्या कम हो जाती थी, तो उनकी कीमत बढ़ जाती थी।

Ø  बाद के कालों में दासों ने अपने मालिक की संपदा में स्थायी रूप से बसना भी प्रारंभ किया तथा उनके जीवन की गुजर-बसर के लिए उन्हें कुछ जमीन भी दे दी जाती थी।

Ø  रोमन कानून में यह भी था कि दासों के पास कुछ संपत्ति भी होनी चाहिए, जिसे पेकुलिअम कहा जाता था।

Ø  निम्न वर्ग में कृषक एक बहुत बड़ा वर्ग था, जो कर के बोझ के तले दबा हुआ था,





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By Vishwajeet Singh


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