MA History- MHI- 101 Unit - 10 (परवर्ती रोमन संसार)

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Unit - 10 (परवर्ती रोमन संसार) Part-04



ईसाई धर्म की स्थापना और प्रसार

 

v  रोमन साम्राज्य में ईसाई धर्म की स्थापना का मुख्य कारण भय था।

v  रोमन शासकों को ऐसा प्रतीत हुआ कि उनके विद्रोही ईसा का समर्थन पाकर रोमन शासन के खिलाफ विद्रोह कर सकते हैं।

v  अत: रोमन साम्राज्य में भी लोगों ने ईसाई धर्म को अपनाना प्रारम्भ कर दिया।

v  तीसरी शताब्दी में यह धर्म रोमन साम्राज्य में काफी लोकप्रिय हो गया।

v  चूंकि ईसाई मत ने प्यार के संदेश से जनता को प्रभावित किया।

v  ऐसा भी माना जाता है कि रोमन साम्राज्य का व्यापक विस्तार ईसाई धर्म के व्यापक स्तर पर फैलने का एक प्रमुख कारण था।

v  रोम के शासकों ने उस धर्म को संरक्षण प्रदान किया था

v  ईसाई धर्म रोमन साम्राज्य में काफी लोकप्रिय हो चुका था, तो वहाँ के शासकों ने उसे उसकी लोकप्रियता को दबाने का भी प्रयास किया।

v  परंतु रोमन राज्य की दमन की नीति के बाद भी तीसरी और चौथी शताब्दी में ईसाई धर्म तेजी से फैला।

v  कौन्सटैनटाइन के शासनकाल में ईसाई धर्म रोमन साम्राज्य में बिना रुकावट के विस्तार की ओर अग्रसर हुआ।

v  उसने सहिष्णुता का आदेश जारी किया तथा ईसाइयों की प्रताड़ना को समाप्त किया।

v  उसकी घोषणा के बाद रोमन साम्राज्य में ईसाई धर्म का प्रभाव काफी बढ़ गया और चौथी शताब्दी के अन्त तक यह साम्राज्य का प्रमुख धर्म बन गया।

v  कौन्सटैनटाइन रोमन साम्राज्य का पहला शासक था, जिसने ईसाई धर्म को ग्रहण किया।

v  इसी प्रकार 392 ई. में थियोडोसिअस ने आदेश जारी करके ईसाई धर्म को सम्प्रदाय का राज्यधर्म बना दिया तथा मूर्ति पूजा को कानून विरुद्ध कर दिया।






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By Vishwajeet Singh


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