MA History MHI-101 || Lesson – 2 ( कांस्ययुगीन सभ्यताएं-I ) Part-1 || The E Nub ||

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( कांस्ययुगीन सभ्यताएं-I ) Part-1

1.     प्राचीन मिस्र की सभ्यता

2.     मेसोपोटामिया की सभ्यता                 

3.     हड़प्पा सभ्यता

4.     चीन की शांग सभ्यता



प्राचीन मिस्र की सभ्यता

q  प्राचीन मिस्र की सभ्यता - नील नदी के निचले हिस्से के किनारे केंद्रित पूर्व उत्तरी अफ़्रीका की एक प्राचीन सभ्यता थी

q  मिस्र की सभ्यता का उदय नील नदी घाटी में हुआ,

q  नील नदी की घाटी की लंबाई 700 कि.मी. है

q  इसकी औसतन चौड़ाई 10 कि.मी. है।

q  मिस्र की सभ्यता को तीन ऐतिहासिक कालों में बांटा गया है

q  प्राचीन राज्य (लगभग 2649-2040 बी सी ई) - प्राचीन साम्राज्य के दौरान वास्तुशिल्प, कला और प्रौद्योगिकी में आश्चर्यजनक विकास किए गए



q  मध्य राज्य (लगभग 2040-1550 बी सी ई) - मध्य साम्राज्य के फैरोओं ने देश की समृद्धि और स्थिरता को बहाल किया और इस तरह कला, साहित्य और विशाल इमारतों की परियोजनाओं     के  पुनरुत्थान को प्रेरित किया।

q  नवीन राज्य (लगभग 1550 - 1070 बी सी ई) - नवीन साम्राज्य के फैरोओं ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित और अपने पड़ोसियों के साथ कूटनीतिक संबंधों को मजबूत बनाते हुए एक अभूतपूर्व समृद्धि के काल की स्थापना की

q  प्राचीन मिस्र की सभ्यता की कई उपलब्धियां, इसकी कला और स्मारकों में संरक्षित हैं

q  मिस्र की सभ्यता की खासियत पिरामिडों का निर्माण है

q  मिस्र के प्राचीन खंडहर जैसे कि मेम्फ़िस, थेबिस, करनाक और राजाओं की घाटी जो लक्सर के बाहर स्थित हैं,

q  पुरातात्विक अध्ययन का एक महत्वपूर्ण केंद्र हैं

q  यहां के शासक को फ़ारो नाम से जाना जाता था

q  यहाँ कई प्रकार की धातु (ताँबा, सोना), इमारत बनाने के काम में आनेवाले पत्थर (ग्रेनाइट, पौरफिरी, बलुआ पत्थर आदि) और अर्ध-मूल्यवान पत्थर (अमेथिस्ट, सुलेमानी, कार्नेलियन, पाराभाषी सिलखड़ी आदि) पाए जाते थे।

q  नवम्बर में गेहूँ और जौ की बुआई शुरू होती है।

q  यहाँ सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ती,

q  यह नदी प्रत्येक वर्ष अपने साथ उर्वरा मिट्टी लाती है

q  और उसे तटवर्ती भूमि पर जमा करती है।

q  नील नदी की सबसे बड़ी विशेषता उसकी बाढ़ है।

q  डेल्टा मिस्र का चरागाह - यहाँ पैपिरस (Papyrus) सरकंडा बहुत घने रूप में उगता है

q  बाढ़ समाप्त हो जाने के बाद जानवर और पशु-पक्षी यहाँ चरने और भोजन की खोज में आते हैं |

q  दक्षिण एशिया की अपेक्षा - गेहूँ, जौ, फलियाँ, चना और अन्य रबी फसलों की खेती करने में बहुत कम श्रम लगता था।

q  सिंचाई में तो बहुत मेहनत करनी पड़ती थी और ही इसके लिए राज्य की केंद्रीकृत व्यवस्था पर आश्रित रहना पड़ता था।

q  नील-घाटी में नई उपजाऊ मिट्टी भरती रहती थी।

q  बाढ़ और नियंत्रित सिंचाई के कारण आवश्यकता से अधिक फसल होती थी,

q  जिसने सामाजिक विकास और संस्कृति को बढ़ावा दिया,

q  संसाधनों की अधिकता के कारणप्रशासन ने घाटी और आस-पास के रेगिस्तानी क्षेत्रों में खनिज दोहन,

q  एक स्वतंत्र लेखन प्रणाली के प्रारम्भिक विकास,

q  सामूहिक निर्माण और कृषि परियोजनाओं का संगठन,

            q   आस-पास के क्षेत्रों के साथ व्यापार और विदेशी दुश्मनों को हराने और मिस्र के प्रभुत्व को मज़बूत करने का             इरादा रखने वाली सेना को प्रायोजित किया।

q  रोमन युग तक यह रोम शहर को गेहूँ का निर्यात करता था।

q  इसी तरह जनसंख्या भी बहुत सघन थी।

q  विशाल पिरामिडों को बनाने में भारी संख्या में पूरी घाटी के मजदूरों को लगाया गया होगा और इससे कृषि उत्पादन में कोई बाधा नहीं पहुँची होगी।

q  मिस्र के इतिहास के प्रारम्भिक काल को पिरामिड युग के नाम से पुकारा जाता है।




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BY VISHWAJEET SINGH


 

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