MHI-05 भारतीय अर्थव्यवस्था का इतिहास || THE E NUB ||

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MA History MHI-05 - All Important Topics



1. पूर्व-औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था का इतिहास लेखन प्राचीन काल

·       प्राचीन भारतीय आर्थिक इतिहास

2. पूर्व-औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था का इतिहास लेखन : मध्य काल

·       मध्यकालीन भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न दृष्टिकोण

·       राष्ट्रवादी दृष्टिकोण

·       मार्क्सवादी दृष्टिकोण

·       संशोधनवादी दृष्टिकोण (1983 क्रिस वेली)

3. औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था का इतिहास लेखन

·       औपनिवेशिक इतिहास लेखन - विभिन्न दृष्टिकोण

·       औपनिवेशिक दृष्टिकोण

·       राष्ट्रवादी दृष्टिकोण

·       मार्क्सवादी दृष्टिकोण

·       उदारवादी दृष्टिकोण / नव उदारवादी दृष्टिकोण

·       कृषि का वाणिज्यीकरण

4. पर्यावरण क्षेत्र और भारत का आर्थिक इतिहास

·       भारतीय उपमहाद्वीप की कृषि परिवेश

5. कृषि उद्भव, पशुपालन और शिल्प उत्पादन से नगरीकरण तक (हड़प्पा सभ्यता)

·       हड़प्पाई नगर की प्रमुख विशेषताएं

6. उपमहाद्वीपीय कृषक और पशुपालक समुदाय प्रारंभ से 1000 ई.पू. के मध्य का पुरातात्त्विक और भौगोलिक अध्ययन

·       भारतीय उपमहाद्वीप में आरंभिक कृषि और पशुपालक समुदाय विकास

·       नवपाषाण - ताम्रपाषाण संस्कृतियों में मुखियातंत्र

7. कुछ प्रारंभिक राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलनात्मक संरचना (मौर्य, कुषाण, सातवाहन, गुप्त)

·       जूनागढ़ प्रशस्ति (कृषि अर्थव्यवस्था)

8. व्यापार का स्वरूप, शहरीकरण और आपसी संबंध: उत्तर भारत (लगभग 600 ई.पू. से 300 ई. तक)

·       मौर्य काल की व्यापारिक गतिविधियों - अशोक के शिलालेख और बौद्ध

9. व्यापार का स्वरूप, शहरीकरण और आपसी सम्बन्ध प्रायद्वीपीय भारत (लगभग 300 ई.पू. से 300 ईसवी तक)

·       दक्कन में प्रारंभिक शहरीकरण

·       300 ईसा पूर्व से 300 ईसा - विदेशी व्यापार

·       भारत में रोम व्यापार

·       भारत में मुद्रा ढलाई (रोमन सिक्कों की विघमानता)

10. भारतीय इतिहास में सामंतवाद विभिन्न दृष्टिकोण

·       भारतीय संदर्भ में सामंतवाद

11. कृषि एवं शिल्प उत्पादन का संगठन उत्तर भारत (C. 550-1300 ईसवी)

·       भू - अनुदान

·       भारत में शिल्प उत्पादन

12. प्रारंभिक मध्यकाल में स्तरीकरण का स्वरूप एवं कृषक समाज की क्षेत्रीय रूपरेखा : उत्तर भारत (C. 550-1300 ईसवी)

·       राजस्व वसूली प्रक्रिया (550 - 1300 ई•वी•)

·       उत्तर गुप्तकालीन - उत्तर भारत में कृषि उत्पादन

13. कृषि एवं शिल्प उत्पादन का संगठन, कृषक समाज की क्षेत्रीय रूपरेखा तथा स्तरीकरण का स्वरूप दक्षिण भारत (C. 300-1300 ई०)

·       अग्रहार और ब्रह्मदेव अनुदान

·       पल्लव पांड्य

·       चोल शासनकाल में भू अधिकार

·       चालुक्य के शासनकाल में भू अधिकार

14. व्यापार, व्यापारतंत्र एवं शहरीकरण: उत्तर भारत (लगभग C. 300-1300 ई०)

·       300 - 1300 ई•वी• - व्यापार और वाणिज्य विकास

·       हेनसांग के अनुसार वाणिज्यिक गतिविधियां

·       शहरी पतन

15. विनिमयतंत्र, व्यापारी संगठन एवं शहरीकरण: दक्षिण भारत

·       दक्षिण भारत में शहरीकरण विकास -  नाडु नगरम और नखरा

·       शिल्प , व्यापार तथा शहरीकरण विकास

16. कृषि उत्पादन

·       मध्यकाल में भारतीय कृषि के प्रमुख लक्षण

·       मध्यकाल में भारतीय कृषि उत्पादन तकनीक

17. कृषि संरचना कृषि संबंध

·       मध्यकाल में ग्रामीण समाज में ऋण का महत्व

·       मध्यकाल में किसानों की दशा / विभिन्न श्रेणियां खुदकाश्त और पाहीकाश्त

18. गैर-कृषि उत्पादन

·       मध्यकाल में कपड़ा उत्पादन

·       मध्यकाल में पूंजीवाद

·       मध्यकाल में शिल्प उत्पादन / शिल्प वर्ग की स्थिति

·       मध्यकाल में गैर कृषि उत्पादन का विकास

19. कर-प्रणाली

·       करो का इस्लामी सिद्धांत

·       दक्कन में मुगल राजस्व प्रणाली

·       दक्षिण भारत में भू-कर तथा अन्य कर

20. मध्यकालीन भारत में शहरी केंद्र

·       कस्बों, नगरों एवं बंदरगाह

·       मध्यकाल नगरों के प्रशासन

21. आन्तरिक और समुद्री व्यापार

·       16वीं 17वीं शताब्दी - एशियाई व्यापार में भारत का योगदान

22. व्यावसायिक गतिविधियाँ और मुद्रा व्यवस्था

·       मुगल काल में मुद्रा विस्तार / मुद्रा व्यवस्था

·       मुगल काल में हुण्डियों का चलन

23. तकनीकी और अर्थव्यवस्था

·       मध्यकालीन युग में कृषि तकनीक का विकास

·       मुगल काल में तोप का विकास

24. परिवहन और संचार

·       मध्यकाल में उत्तरी भारत की संचार व्यवस्था / डाक संचार व्यवस्था

25. भारतीय इतिहास में अठारहवीं शताब्दी

·       मुगल काल की अवनति

·       18 वीं शताब्दी में भारतीय अर्थव्यवस्था का विश्लेषण

·       जागीरदारी प्रथा / मनसबदारी प्रथा / जमींदार / जोतद्दार / तालुकदार / जजमानी व्यवस्था और निरौधोगीकरण

26. व्यापारी एवं बाजार : 1857-1947

·       17वीं - 18वीं शताब्दी में भारतीय व्यापार व्यवस्था

27. उपनिवेशवाद और व्यापार 1857-1947

·       19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भारतीय व्यापारिक अर्थव्यवस्था

·       भारतीय बाजार एवं व्यापारियों पर रेलवे के प्रभाव

28. कृषि नीति और भू-अधिकार

·       ब्रिटिश भारतीय सरकार की भूमि नीति

·       स्थाई बंदोबस्त लागू करने का कारण / प्रभाव

·       ब्रिटिश कृषि नीति

29. वाणिज्यीकरण का स्वरूप

·       वाणिज्यीकरण क्या है ?

·       वाणिज्यीकरण में सैन्यवाद / सामाजिक आर्थिक प्रभाव

30. औपनिवेशिक भारत की वन अर्थव्यवस्थाएं

·       प्रारंभिक औपनिवेशिक नीति संरक्षण

·       वनवासियों के पारंपरिक अधिकार

31. औपनिवेशिक भारत में जनसांख्यिकी परिवर्तन और कृषक समाज

·       औपनिवेशिक काल के दौरान मृत्यु दर प्रजनन क्षमता

·       औपनिवेशिक काल में जनसंख्या वृद्धि

32. जनजातीय समाज और औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था

·       पूर्व औपनिवेशिक जनजातीय अर्थव्यवस्था

33. कृषि अर्थव्यवस्था विकास और ठहराव का प्रश्न

·       1890 - 1950 भारत में कृषि उत्पादन

34. निरौद्योगीकरण : विभिन्न दृष्टिकोण

·       निरौधोगीकरण पर राष्ट्रवादी धारणा / प्रभाव

35. शिल्प उद्योग तथा लघुस्तरीय उत्पादन

·       18वीं और 19वीं साड़ी में होने वाले औद्योगिक परिवर्तन

36. औद्योगीकरण का स्वरूप

·       1900 - 1946 के दौरान औद्योगिककरण

37. तकनीकी, विज्ञान और साम्राज्य

·       भारत में विज्ञान और तकनीकी विकास

38. नियोजित अर्थव्यवस्था से वैश्वीकरण की ओर

·       प्रथम तीन पंचवर्षीय योजनाओं में भारतीय आर्थिक विकास

·       1960 के दशक - भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां

·       1991 के आर्थिक सुधार

39. उदारीकरण की राजनीतिक अर्थव्यवस्था

·       1990 के दशक में आर्थिक सुधार

·       नव उदारवादी - आर्थिक सुधार

·       भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव

  

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