MHI-01, Lesson - 20 सामंतवाद पर विभिन्न दृष्टिकोण - PART - 03 || The E Nub ||

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सामंतवाद पर विभिन्न दृष्टिकोण



1- यूरोप में सामंतवाद के उदय संबंधित पिरेन की अवधारणा

2- मार्क ब्लॉक के अनुसार सामंतवाद

3- जॉर्ज दूबी - सामंतवादी क्रांति की अवधारणा

 

3 - जॉर्ज दूबी - सामंतवादी क्रांति की अवधारणा

 

§  जोर्ज दूबी (Georges Duby) ने सामंती क्रांति की अभिधारणा स्थापित की।

§  दूबी युद्धोत्तर काल के एक मौलिक और प्रभावशाली इतिहासकार थे

§  जिन्होंने मध्ययुगीन समाज को एक नया नजरिया दिया

§  और सामंती संस्थाओं को केवल आर्थिक नजरिए से देख उसे विचारधारात्मक आयाम दिया।

§  उन्होंने दसवीं से बारहवीं शताब्दियों के बीच फ्रांस की माकोने बस्ती (Maconnais settlement) के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन का अध्ययन किया।

§  उनकी यह पुस्तक 1953 में प्रकाशित हुई और एक नया ऐतिहासिक अनुसंधान सामने आया और इसे उन्होंने आरंभिक ग्यारहवीं शताब्दी की 'सामंती क्रांति' कहा।

§  दूबी के अनुसार फीफ, जिसे आमतौर पर सामंतवाद का पर्याय भी मान लिया जाता है

§  दसवीं शताब्दी के अंत और ग्यारहवीं शताब्दी के आरंभ में किस प्रकार शाही सत्ता की समाप्ति हुई

§  और केसेलैन (castellans दुर्गपतियों) ने छोटे भूमिपतियों को अपना अधीनस्थ बना लिया

§  और सभी किसानों पर एक नए प्रकार का शासन- सिनेयूरि बैनाल ( Seigneurie banale) लागू किया

§  जो टेन्योर की (लगानदारी के अधिकार) अपेक्षा कराधान पर आधारित था

§  दूबी का कहना था कि अपने मालिक के लिए काम करना पहले केवल दासों का दायित्व था परंतु इस अवधि से सामंती शक्तियों का प्रभाव बढ़ता चला गया और अब यह बोझ सारे गांव वालों को ढोना था।



§  इसके फलस्वरूप सामाजिक दायित्वों में उलट-फेर हुआ

§  एक ओर आजाद आदमी और कृषक दासों (सर्फ) के बीच अन्तर समाप्त होने लगा क्योंकि अब सभी ग्रामवासियों को एक समान और भारी कर चुकाना पड़ता था।

§  दूसरी ओर साधारण आदमी और पुरोहित वर्ग के बीच का अन्तर बढ़ता चला गया क्योंकि पुरोहित पूरी ताकत के साथ अपने लिए सामंती करों से छूट की मांग कर रहे थे।

§  इस युग में अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना भी सामाजिक स्तर का एक प्रतीक चिह्न बन गया था।

§  अभिजात तंत्र में घुड़सवारों या 'नाइटों' (Knights) को भी निचला दर्जा दिया जाने लगा था

§  'सामंतवादी क्रांति' इस सम्पूर्ण सामाजिक प्रक्रिया को द्योतित करता है।

§  यह प्रक्रिया निरंतर धीरे-धीरे चलती रही जिसने केवल युद्ध और लूट पर आधारित पूर्व अर्थव्यवस्था को बदल दिया है

§  बल्कि अभिजातत्रतीय परिवार को पितृसत्तात्मक बनाया

§  और मानसिक परिवेश में आमूल चूल परिवर्तन हुआ

§  दूबी ने सामंतवाद के पतन के प्रश्न पर एक नई दृष्टि भी विकसित की।

§  पिरेन और मार्क्सवादी प्रारूप में सामंतवाद के पतन के लिए बाहरी कारकों को उत्तरदायी माना गया है।

§  इनमें धर्मयुद्ध या शहरों की ओर किसानों के पलायन को इसका जिम्मेदार बताया गया था।

§  जबकि दूबी का मानना है कि पतन की यह प्रक्रिया बहुत धीमी और लगातार गति से आगे बढ़ती रही

§  जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और समाज के आंतरिक विकासों को प्रतिबिम्बित करती है।

§  उन्होंने इसे इस युग कीकल्पना' या 'मानसिक दृष्टिकोण' कहा।

§  इस सामंतवादी समाज के मौजूदा विचारधारात्मक प्रारूपों के निर्माण और कार्य के साथ-साथ परिवर्तनों की बात करते दूबी ने इस सामाजिक परिवर्तन का खाका भी खींचा।

§  हालांकि सामंतवाद संबंधी इतिहास लेखन अभी काफी हद तक दूबी के नजरिए का अनुकरण कर रहा है

§  फिर भी उसके विचारों ने इतिहासकारों के बीच घमासान और जोरदार बहस छेड़ दी।

 

डौमनीक बार्थेलेमी (Dominique Barthelemy) -  ने सामंती वॉन्दोमुआ (Vendomois) समाज का विस्तृत अध्ययन करते हुए दूबी के आधारभूत प्रविधिमूलक सोच पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा है कि दूबी ने दस्तावेजीकरण की शैली में हुए परिवर्तन को ही अपने आप में समाज में होने वाला परिवर्तन मान लिया

थियोडोर एवरगेट्स (Theodore Evergates) -  के अनुसार दूबी ने स्वतंत्र कैसेलैन (Castellanies ) और राजतंत्रीय राज्य के बीच जिस पूर्ण द्विभाजन की बात की है वह ब्लॉक की अवधारणा का अनुकरण है और इसमें स्थानीय शक्ति सामंजस्य के विविध रूपों का ख्याल नहीं रखा गया है।

कौन्स्तांस बुशार्द (Constance Bouchard) और अन्य नारीवादी इतिहासकारों ने सामंतवादी क्रांति के साथ महिलाओं के दृष्टिकोण को सही स्थान देने के लिए दूबी की आलोचना की है।

गैर-धार्मिक दस्तावेजों, खासतौर पर राज्य और रजवाड़ों के प्रशासनिक बही खातों, पर विचार करने के कारण भी कई इतिहासकार इस अभिधारणा से असहमत दिखाई पड़ते हैं।

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By- Vishwajeet Singh

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