MA History MHI-101, Unit-9 खानाबदोश साम्राज्य
Author - Vishwajeet Singh
The E Nub
अगस्त 17, 2023
Unit-9 खानाबदोश साम्राज्य
- खानाबदोश और पशुपालक खानाबदोश में अन्तर है। खानाबदोश घूमते थे।
- ये प्रत्यक्षतः पशुपालन नहीं करते थे।
- जबकि पशुपालक खानाबदोश घूम-घूमकर अपने पशुओं को चराते थे।
- भारत में गौडिया लुहार का काम करते थे।
- खानाबदोश पशुपालक खानाबदोशों के बारे में कहते हैं कि यह एक ऐसी भोजन संग्रह करने वाली अर्थव्यवस्था है,
- जिसमें सम्पूर्ण समुदाय भोजन की आपूर्ति के लिए अपने पशुओं पर आश्रित होता है।
- ये इसलिए घूमा करते थे ताकि उनके पशुओं को बेहतर चरागाह मिल सके।
- इन खानाबदोश पशुपालकों का विकास स्थानबद्ध पशुपालकों से ही हुआ जो खेती भी किया करते थे और पशुपालन भी।
- जब भी ये खेती करने में असमर्थ हो गए, तो उन्होंने खानाबदोश पशुपालक की जीवन-शैली अपना ली।
- उनका एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना मौसम पर निर्भर करता था।
- ये मौसम के अनुसार अपने पशुओं को लेकर चरागाह की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान को जाते थे।
- स्टेप्स साम्राज्य की गहराई से छानबीन करने से यह स्पष्ट होता है कि साम्राज्य राजशाही से अलग समझा जाता था।
- शासक भव्य राजधानी और विशाल सेना का निर्माण करता था।
- विदेशी राज्यों के प्रति उनका नजरिया भी बिल्कुल अलग होता था।
- मंगोल साम्राज्य के शासकों ने खानों के खान की पदवी धारण की।
- रोमिला थापर के अनुसार साम्राज्य के तीन अनिवार्य घटक होते हैं।
- पहला साम्राज्य में कई राज्य शामिल होते हैं।
- उसका कुछ क्षेत्र केन्द्रीय होता है
- ऐतिहासिक काल में मौर्य साम्राज्य उसका अच्छा उदाहरण है।
- विश्व व्यवस्था सिद्धांत में मुख्य रूप से आधुनिक पूंजीवादी विश्व और उनके कार्यों को ही व्याख्यायित किया जा सकता है।
- खजानोव कहते हैं कि खानाबदोश कभी भी अपने बल पर बाहरी दुनिया और पड़ोसी और खानाबदोशी समाजों के बिना अस्तित्व में नहीं रह सकते।
- खानाबदोशों के राज्य निर्माण पर भी यही बात लागू होती है।
- हालांकि खानाबदोशों के लिए राज्य निर्माण एक महत्त्वपूर्ण घटना रही थी।
- खानाबदोश हमेशा अपने पड़ोसियों की सैन्यशक्ति की परीक्षा लेते रहते थे।
- किसी राज्य के कमजोर पड़ते ही या पतन होते ही वे उस पर आक्रमण कर देते थे और उस पर कब्जा जमा लेते थे।
- राज्य निर्माण की इस प्रक्रिया में सभी स्तरों पर सामाजिक और आर्थिक विभेद पैदा हुआ।
- उनके व्यक्तित्व के साथ देवी गुण और विशेषताएं जुड़ गई थीं।
- ये शासक या कान बाद में सुलतान या बादशाह बने।
- इस प्रकार समय के साथ कभी हूणों का साम्राज्य बना, तो कभी मंगोलों का।
- हालांकि मंगोल साम्राज्य को एक विशाल राजनीतिक ताकत के रूप में देखा जा सकता है।
- मंगोलों ने रेशम मार्ग को पुनः खोला तथा यूरोप से एशिया जाने के मार्ग में अब कोई बाधा नहीं रही।
- इसी प्रकार एशिया में फारस और चीन के बीच विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
- हालांकि यह व्यवस्था तभी तक जीवित रही, जब तक स्थायी समाजों से उनका आदान-प्रदान जारी रहा,
- जैसे ही यह आदान-प्रदान बंद हुआ, उनका अस्तित्व समाप्त हो गया।
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by vishwajeet singh