MA History- MHI- 101 Unit - 10 (परवर्ती रोमन संसार)

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 Unit - 10 (परवर्ती रोमन संसार) Part-01



तीसरी शताब्दी तक रोमन साम्राज्य में हुए विस्तार


  • 44 ई.पू. में जूलियस सीजर की मृत्यु
  • आक्टेवियन 31 ई.पू. में रोम का शासक बना
  • सम्राट् को प्रिसेंप या प्रथम नागरिक कहा गया
  • गणतंत्र को बरकरार रहा
  • महत्त्वपूर्ण पदों पर अपने लोगों को नियुक्त किया
  • सेनेट ने उसे आगस्तस यानी पूज्य की पदवी दी
  • स्पेन और गॉल में नए उपनिवेश बसाए गए
  • उसने मोरक्को, इथोपिया, मिस्र तथा सीरिया पर भी कब्जा किया

 

  • आक्टेवियन मृत्यु के बाद उसका दत्तक पुत्र ताइबेरियस शासक बना
  • अंतिम शासक नीरो की आत्महत्या के साथ ही 68 ई. में उस वंश का अंत
  • 68 ई. में वेसपैसियन ने रोमन साम्राज्य का नियंत्रण स्थापित किया
  • उसके बाद उसके उत्तराधिकारियों ने 180 ई. तक शासन किया
  • उस वंश का अंतिम शासक औरेलिअस था
  • इस अवधि में रोमन साम्राज्य शक्तिशाली और समृद्ध हुआ
  • सड़क से लेकर, सिंचाई तक की आधारभूत सुविधाओं का विकास
  • दूसरी शताब्दी के अंत तक रोमन साम्राज्य की राजनीतिक स्थिति स्थिर रही
  • रोमनों का साम्राज्य सीरिया, फिलिस्तीन एवं अनातोलिया तक विस्तार
  • 284 में डायक्लीशन रोम साम्राज्य की सत्ता पर आसीन हुआ
  • साम्राज्य को चार स्वायत्त हिस्सों में विभाजित किया
  • प्रत्येक हिस्से पर एक सम्राट् का शासन स्थापित किया

1.        डायक्लीशन को पूर्वी हिस्सा,

2.        मैक्सिमस को इटली और अफ्रीका,

3.        कॉन्स्टैनटियस को स्पेन, गॉल और ब्रिटेन तथा

4.        गैलेरियस को इलरिकम, मकदूनिया और ग्रीस प्राप्त हुआ।

  • 306 ई. में डायक्लीशन सेवानिवृत्त हुआ,
  • डायक्लीशन बाद चार सम्राट्रीय व्यवस्था समाप्त हो गई,
  • क्योंकि राजवंशों की महत्त्वाकांक्षाएँ आपस में टकराने लगीं।



The E Nub
By Vishwajeet Singh


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