आधुनिक नगरों के अध्ययन संबंधित विभिन्न दृष्टिकोण
स्थान और नगरीय सिद्धांत
· हेनरी लेफेब्र में स्थान को एक सरल अवस्था या पृष्ठभूमि के रूप में प्रस्तुत किया
· स्थान और नगरीय सिद्धांत का घनिष्ठ संबंध रहा
· समाजिक संबंध स्थान के माध्यम से काम करता है
· स्थान सामाजिक संबंध भी उत्पन्न करता है
· उनके अनुसार प्रत्येक ऐतिहासिक समाज द्वारा तीन परस्पर तरीकों से स्थान का निर्माण किया जाता हैं
a. अनुभव किए गए
b. विचार किए गए
c. जीवंत स्थान
अनुभव किया गया स्थान शरीर से अनुभव चिंतन से उत्पन्न होता है जीवन के स्थान इन दोनों पहलुओं में से प्रत्येक को बढ़ा सकता है या घटा सकता है
· एडवर्ड सोजा - अधिकांश सामाजिक संबंध एक गतिशील तत्व है
· जबकि स्थान अनिवार्य रूप से स्थिर और अपरिवर्तनशील है
· नगरी इतिहास के संबंध में सभी विद्वानों की लाए समान नहीं है
· ये अध्ययन के लिए स्थान को सर्वाधिक महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक साधन नहीं मानते
· नगरीय इतिहासकारों के अनुसार - पूर्व आधुनिक काल में नगरों को स्वावलंबी सामाजिक संस्था के रूप में देखा जा सकता है आधुनिक काल के लिए ऐसा करना कठिन है
पार्थिवता
· नगर स्थान सामग्रियों को व्यवस्थित करने की विशेष पद्धति से पहचाना जाता थे
· यह
गांव से सर्वथा भिन्न होती थी
· आधुनिक नगर इतिहास का विश्लेषण दो दूरियों के आधार पर किया जाता है
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प्रथम भौतिक संस्कृति के आधार पर
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द्वितीय पूंजीवाद और उद्योग के स्थान के आधार पर
19वीं सदी में उद्योगों ने नए नगरों को जन्म दिया
नगरीय केंद्रों को नया रूप प्रदान किया
हेनरी पिरेन के अनुसार - नगर से फैलने वाला व्यापार तथा मुद्रा अर्थव्यवस्था का विस्तार सामंतवाद के विखंडीकरण का मुख्य कारण था, और इस ने पूंजीवाद को संभव बनाया।
ज्ञानबोध - विज्ञान, योजना और विशेषता
· बैरन जॉर्ज हॉसमैन - 1850 के दशक में पेरिस में परिवर्तन हुआ
· यह परिवर्तन आधुनिक नगर योजना का प्रतीक बना
· 1853 में नेपोलियन III के द्वारा नियुक्ति किए जाने के पश्चात - चौड़ी सड़कों तथा भूमिगत सीवरों के साथ एक नए पेरिस के निर्माण के लिए पुराने नगर के बड़े हिस्सों को ध्वस्त कर दिया।
· मैथ्यू गैंडी ने हॉसमैन के अधीन निर्मित सीवरों को देखकर कहा कि
· वे मूलरूप से कार्यात्मक होने की अपेक्षा सौंदर्यात्मक प्रयोग के थे
· क्योंकि इसका वास्तु निश्चित रूप से गैर-आधुनिक रूझान का था
· विद्वानों ने नगरीय योजनाओं पर भी प्रकाश डाला
· पीटर हॉल के अनुसार - आधुनिक योजना की संकल्पना राज्य और बाजार के प्रभाव का सामना करने की दृष्टि से की गई थी
संपर्क और प्रवाह
· आधुनिक नगरों को नया स्वरूप देने में पूंजी और उद्योग परिपथ का विशेष योगदान रहा
· ब्रिटिश विजय से भारतीय नगर का पतन हुआ
· आर्थिक प्रभाव और राजनीतिक प्राधिकार में बाधा उत्पन्न हुई
· बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में नगरीकरण की प्रक्रिया में लोगों और वस्तुओं का संपर्क बढ़ा
· रेल मार्गों के कारण औपनिवेशिक काल में लोगों का संपर्क हो गया
· आवास और कार्यालय जरूरतों के कारण बाहरी सीमांत क्षेत्र में उप नगरों की स्थापना हुई
· जिससे नगरों के स्वरूप में परिवर्तन हुआ
· संरचना - आधुनिक नगरों में राजनीतिक और दैनिक जीवन
· लिंग संबंधित विवरण
· नस्लीय आधार
· दैनिक स्थानिकीकरण
· भवन तथा बस्तियों
· संसाधनों की असमानता
· सत्ता पर अधिकार
· नगर निर्माण की प्रक्रिया
भारत में नगरीय इतिहास प्रमुख विषय वस्तु
· औद्योगिक की पतन और नए व्यापार तथा परिवहन नेटवर्क के दल ने भारतीय नगरों की वृद्धि
· नगरीय केंद्र
· संस्कृति
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आधुनिक नगरों के अध्ययन संबंधित विभिन्न दृष्टिकोण
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By- Vishwajeet Singh