MHI-01 ,Lesson - 21 || सामंतवाद रूप और संरचनाएं || The E Nub ||

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अधिपति और मातहत के अधिकार और दायित्व

·       अधिपति और मातहत (subordinates) दोनों महत्वपूर्ण वर्ग थे

·       एक दूसरे पर निर्भर थे

·       अधिपति और सामान्य व्यक्ति के बीच में वैधानिक प्रक्रिया - जिसके अंतर्गत इकरारनामा बनाया जाता था

·       दोनों ही पक्षों पर कई बंधन और दायित्व होते थे

·       स्वामी सेवा के बदले आजादी प्रदान करना

·       देखरेख और सुरक्षा का वचन देना

·       अधिपति के प्रति समर्पण भाव रखना - इकरारनामे की प्राथमिक और पहली शर्त थी

·       आठवीं शताब्दी के मध्य मातहतों  की हैसियत बढ़ने लगी

·       मातहतों द्वारा अपने अधिपति के प्रति स्वामी भक्ति को स्वीकारना

·       कैरोलिन्जियों द्वारा स्वामीभक्ति की शपथ का समारोह

·       मातहत अभिजात वर्ग का सदस्य है और स्वतंत्र आदमी की तौर पर सेवा करेगा

·       आशीर्वाद प्राप्ति के पश्चात मातहत के द्वारा शपथ लिया जाता था

·       आजाद आदमी के रूप में अपने अधिपति के प्रति धर्म ग्रंथ पर हाथ रखकर निष्ठावान रहने की शपथ लेता था

·       आशीर्वाद और स्वामी भक्ति की शपथ दोनों पक्षों के जीवित रहते कायम रहती थी

·       एकतरफा समाप्त नहीं किया जा सकता था

·       आशीर्वाद प्राप्त करने और स्वामी भक्ति की शपथ लेने के समारोह में खासतौर पर फ्रांस के अनुदानित चुंबन आवश्यक शामिल होता था।

·       खेती के लिए जमीन देने के समय आमतौर पर आशीर्वाद और स्वामी भक्ति की शपथ पूरी कर ली जाती थी

·       मातहत प्राप्त संपत्ति पर कार्य करने और अपने मालिक के प्रति निष्ठावान रहने का दावा करता था

·       अधिपति द्वारा मातहतों के लिए प्रतीक चिन्ह भेंट स्वरूप

·       मातहत का दायित्व अपने मालिक की सेवा करना था

·       जिसे आमतौर पर सहायता और सलाह के रूप में वर्गीकृत किया गया

·       मातहतों सैनी जी सैनिक सेवा ही कराई जाती थी

·       मातहतों को सैनिक इकट्ठा करने का भार भी सौंपा जाता था

·       सैनिक भूमिका के साथ-साथ अधिपति के घरेलू कार्य देखने पड़ते थे

·       अधिपति बिना किसी उत्तराधिकारी के मर जाता था तो उसके मातहत उस समय तक , अधिपति के मातहत माने जाते थे जब तक कि मृत व्यक्ति का उत्तराधिकारी वैधानिक रूप से तय नहीं किया जाता था

·       यदि किसी पक्ष द्वारा अपने दायित्व को पूरा नहीं किया जाता था तो उस को दंड देने का प्रावधान था

·       12वीं और ,13 शताब्दी तक यह व्यवस्था प्रभावी हो गई थी

·       टकराव का समाधान सशस्त्र संघर्ष द्वारा किया जाता था

·       जमीन एक करार के तहत दी जाती थी

·       जमीन पर मातहतों के बढ़ते प्रभाव के कारण कब्जा करना कठिन हो गया

·       12 वीं शताब्दी में फ्रांस में ज्यादा से ज्यादा अस्थाई जब्ती या कब्जा होने लगा

·       समय के साथ अधिपति और मातहत के अधिकारों में परिवर्तन देखा गया



       फीफ की प्रकृति

·       सामंती कानून पर आधारित मध्ययुगीन अनुबंधों में एक जागीर एक केंद्रीय तत्व था।

·       इसमें संपत्ति रखने का एक रूप या एक जागीरदार को अधिपति द्वारा दिए गए अन्य अधिकार शामिल थे,

·       (अधिपति या मातहतों के प्रमुख) लॉर्ड अपने घर में मातहतों को रख सकता था

·       अपने खर्च पर रोटी, कपड़ा, मकान दिया जाता था

·       काम के बदले उसे एक संपदा या जमीन दे देते थे

·       मिलने वाली आय से वह अपना जीवनयापन करता था

·       बदले में मातहतों को उनकी सेवा करनी पड़ती थी

·       मातहतों को दी जाने वाली भू संपदा फीफ या बेनेफिस (Benefice) कहलाती थी

·       एक फीफ में भू संपदा होती थी

·       भू संपदा का आकार अलग-अलग होता था

·       निम्न प्रकार के प्राप्त अधिकार-

·       कर वसूला

·       बाजार से शुल्क वसूलना

·       सिक्का डालने का अधिकार

·       न्याय देने का अधिकार

·       वकील मेयर संरक्षण ग्रहण करता आदि जैसे कार्य करने का अधिकार

·       इस प्रकार के फीफ जिसमें भू संपदा नहीं होती थी उसे एक मुद्रा फीफ कहते थे

·       इस प्रकार के फीफ से नियमित तौर पर आमदनी होती थी

·       फ्रांस जर्मनी नीदरलैंड आदि में इसी प्रकार की व्यवस्था थी

·       11वीं शताब्दी में धार्मिक आंदोलन में सर्वप्रथम फीफ को समाप्त करने का प्रयास किया गया

·       इस आंदोलन के स्वरूप अधिपति की ताकत में कमी आई

·       फीफ मातहतों कि पैतृक संपत्ति मानी जाने लगी

·       फीफ पर वंशानुगत अधिकार नहीं था

·       मातहतों की मृत्यु के बाद फीफ पुनः अधिपति के पास चला जाता था

·       मातहत के उत्तराधिकारी उस फीफ पर अधिकार कर लेते थे

·       इंग्लैंड में 12 शताब्दी में फीफ के वंशानुगत अधिकार की प्रथा का शुरुआत हुआ

 

       फीफ का उत्तराधिकार

·       अधिपति द्वारा राहत शुल्क की मांग

·       मातहतता प्रदान करना, आशीर्वाद देना, स्वामी भक्ति की शपथ लेना, और अभिषेक करने के लिए शुल्क मांगा जा सकता था

·       शुल्क स्वरूप एक घोड़ा और घुड़सवार के लिए हथियार से लेकर 1 साल का कर मांगा जा सकता था

·       धार्मिक आधार पर दिए गए भूखंडों पर कर नहीं लिया जाता था

·       मातहत की मृत्यु के पश्चात यदि उत्तराधिकारी के नाबालिक होने पर करीबी संबंधी को मातहतता प्रदान किया जाता था

       एक मैनोर में विभिन्न प्रकार के कृषक

·       आर्थिक उत्पादन का मूल स्रोत

·       सामाजिक जीवन की आधारभूत इकाई

·       छोटे-छोटे आश्रित खेत शामिल होना

·       इन खेतों पर अधिपति का सीधा अधिकार होना

·       खेतों पर कृषि दास और इस जमीन से जुड़े किसानों के द्वारा खेती कर जाना

·       सबसे अधिक जनसंख्या कृषि दासों की थी

·       दासों को सर्फ कहा जाने लगा

·       कानूनी तौर पर इन्हें खेत छोड़ने की आजादी नहीं थी

·       अनेक सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंध लगाए गए

·       संपत्ति बेच खरीद नहीं सकते थे

·       मजदूरी नहीं कर सकते थे

·       मर्जी से शादी नहीं कर सकते थे

·       दासता की प्रथा वंशानुगत हो गई

·       उनसे बेकार लिया जाता था

       नाइट

·       जॉर्ज दूबी के अनुसार नाइट्स सामंती शोषण का प्रमुख स्रोत

·       नाइट एक घुड़सवार सैनिक

·       जिनके पास एक लंबा बरछा होता था

·       जिससे वह अपने दुश्मनों को घायल करके निकल जाते थे

·       अधिपतियों के लिए यह घुड़सवार सैनिक अत्यधिक महत्वपूर्ण थे

·       घुड़सवार सैनिक अधिपतियों की रक्षा करते थे

·       घुड़सवारों की सामाजिक स्थिति अच्छी थी

·       किसानों से कर वसूलने में इनका उपयोग किया जाता था


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 By- Vishwajeet Singh


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