MHI-10, Lesson-7 (हड़प्पा की अर्थव्यवस्था और व्यवसाय) || The E Nub ||

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      हड़प्पा की अर्थव्यवस्था और व्यवसाय



·       व्यवसायों की विविधता - नगरी और गैर नगरी परिस्थिति को अलग करना

·       नगरीय केंद्रों में निर्वाह आधारित अर्थव्यवस्था

·       कृषि आधारित व्यवसाय

·       नगरीय बसावट में घनी आबादी

·       कृषि नगरीय जनसंख्या का प्रमुख आधार

·       कृषि के साक्ष्य - वनस्पति अवशेष, जले हुए बीज

·       गैर कृषि व्यवसाय का नगरों में विस्तार

·       गैर कृषि व्यवसाय - हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की नगरों केंद्रों का प्रमुख विशेषता

 

      निर्वाह आधारित अर्थव्यवस्था

·       हड़प्पा में निर्वाह आधारित अर्थव्यवस्था के साक्ष्य

·       खेती पशुपालन फल संग्रहण और शिकार आदि

·       शीत और ग्रीष्म ऋतु में खेती

·       विभिन्न प्रकार की फसलों का पैदावार

·       गेहूं, जो, मटर , चना आदि

·       उत्खनन में अनाजों के बीच मिले

·       कपड़ों और अन्य कार्यों के लिए कपास और पटसन की खेती की जाती थी

·       हड़प्पा में पशुपालन के साक्ष्य

·       गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि

·       सांड, भेड़ और कुत्ते की मूर्तियां

·       लोगों द्वारा परिवहन के साधनों का प्रयोग

·       टेराकोटा के गाड़ियों और पहियों के साक्ष्य

·       खेती के लिए हल का प्रयोग

·       लोगों द्वारा पशुओं के मांस का उपभोग

·       मछलियों का आहार के रूप में उपभोग

·       भोजन में विविधता

·       खाद्यान्नों के साथ दूध मांस आदि का उपयोग

·       दोहरी फसल की परंपरा

·       फसल कटाई के लिए फलक, हंसियों का प्रयोग

·       खेतों में सिंचाई के प्रमाण

·       नाली प्रणाली उपयोग

·       नहरों और चैनल आदि का प्रयोग

·       कुए से सिंचाई

 


       गैर निर्धारित आधारित अर्थव्यवस्था

·       नगरों में कृषि के लिए क्षेत्र सीमित

·       गैर कृषि में लोग विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे

·       मृदभांड बनाना, नालियों का निर्माण, ईटों का निर्माण, राजमिस्त्री, मुहरों गढ़ना आदि

·       व्यवसायों में विविधता

·       वस्तु विनिमय

       शिल्प उत्पादन

·       शिल्प उत्पादन क्रियाकलाप नगरीय केंद्रों की प्रमुख विशेषता

·       मैरिजिओ तोसी - शिल्प उत्पादन के अनेक पुरातात्विक सूचकों के नाम बताएं

§  सुविधाएं उत्पादन के लिए औजार,

§  टूटे हुए औजार,

§  अर्थनिर्मित उत्पाद,

§  कच्चे माल जैसे पत्थरों का ढेर और

§  पुनर्चक्रण के लिए रखी गई सामग्री

·       किसी एक प्रकार के सूचकों का बार-बार मिलना शिल्प उत्पादन को दर्शाता है

·       हड़प्पा के लोगों द्वारा अनेक प्रकार के शिल्प कार्य

§  मृदभांड या टेराकोटा उत्पादन,

§   धातु कर्म,

§  मनकों का बनाना,

§  पत्थर के काम आदि

§  औजारों और बांटो के लिए तकनीक का प्रयोग

§  सबसे अच्छी फलक लंबे और

§  चमकदार बने होते थे

·       अधिकांश कच्चा माल हड़प्पा आवासीय क्षेत्र के बाहर मिलता था

·       हड़प्पा के लोग राजस्थान में खेतड़ी और बलूचिस्तान आदि से तांबा प्राप्त करते थे

·       सीपी की कारीगरी का स्रोत तटवर्ती क्षेत्र के समीप होता था

·       मोहनजोदड़ो जैसे अनेक बसावटओं में मिट्टी के बर्तन का उत्पादन का प्रमाण मिलता है

·       हड़प्पा काल में शिल्पकाला के 3 पैटर्न थे

·       प्रथम पैटर्न में चन्हूदड़ों और लोथल आते थे

§  मध्य आकार की बसावटो में शिल्प कार्य किया जाता था

·       द्वितीय पैटर्न में कच्चे माल वाले स्रोत हैं

§  जैसे - सीपी के लिए नागेश्वर और लाजवर्द के लिए शोर्तुघ

·       लाजवर्द या राजावर्त (अंग्रेज़ी: Lapis lazuli, लैपिस लैज़्यूली) एक मूल्यवान नीले रंग का पत्थर है जो प्राचीनकाल से अपने सुन्दर नीले रंग के लिए पसंद किया जाता है।

·       शोर्तुगई (शोर्तुघई) उत्तरी अफगानिस्तान में लैपिस खानों के पास ओक्सस नदी पर 2000 . पू. के आस-पास स्थापित सिंधु सभ्यता का एक व्यापार कॉलोनी था।

·       तृतीय पैटर्न में बड़े नगरों के शिल्प कार्य आते हैं

§  जिसमें शिल्प में विविधता मिलती है

§  शिल्प गतिविधियां मुख्य रूप से निचले शहर के दक्षिण पूर्वी भाग में केंद्रित था

§  शिल्प उत्पादन में विभिन्न सामग्रियों के प्रयोग में कुशलता दिखाई देती है

§  जैसे - सेलखड़ी पाउडर से चमकीले मृदभांड का निर्माण किया जाना

       विनिमय और नेटवर्क

·       कच्चे माल और निर्मित वस्तुओं का विनिमय सर्वाधिक निकट विनिमय नगरों और सीमावर्ती गांव के बीच हुआ

·       नगरों में निर्मित वस्तुओं और सेवाएं गांव में उपलब्ध कराई जाती थी

·       विनिमय समीपवर्ती क्षेत्रों के अलावा दूरस्थ बसावटों में भी होता था

·       दूरस्थ क्षेत्रों से नगरों और शहरों में हड़प्पा शिल्प कार्य के लिए कच्चा माल आता था

·       हड़प्पा नगरों में तांबे की वस्तुएं बनाई जाती थी

·       तांबा राजस्थान के खेतड़ी क्षेत्र से आता था

·       सीपी नागेश्वर और बालाकोट से आती थी

·       हड़प्पा स्थल पर मेसोपोटामिया की कम वस्तुएं मिली है

·       मुहरें और बांट विनिमय तंत्र की दो श्रेणियां थी

·       हड़प्पा की मुहरे मेसोपोटामिया के समान

·       हड़प्पा की मुहरे भारतीय कुबड़ा बैल के रूप में है

·       पृष्ठ भाग पर छिद्र था

·       जिसमें धागा पिरोया जाता था

·       मोहरे पर अंकित लिपि को अभी तक पढ़ा नहीं जा सका

·       बाट बिल्लैर के बने थे और घनाकार थे

·       निम्न भर से अधिक भार के क्रम में थे

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 BY VISHWAJEET SINGH


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