भारत में मनसबदारी प्रथा - Mansabdari system in India || The E Nub ||

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भारत में मनसबदारी प्रथा 

मनसबदारी का अर्थ

  • “मनसब” फारसी भाषा का शब्द है. इस शब्द का अर्थ है पद, दर्जा या ओहदा।
  • जिस व्यक्ति को सम्राट् मनसब देता था, उस व्यक्ति को मनसबदार (Mansabdar) कहा जाता था।






मनसबदारी प्रथा का आरंभ

  • मनसबदारी व्यवस्था की उत्पत्ति संभवतः विश्वविख्यात  मंगोल विजेता और आक्रमणकारी चंगेज खां के काल में हुई थी। 
  • जिसने अपनी सेना को दशमलव के आधार पर संगठित किया था। 
  • इसमें सबसे छोटा एकांश (unit या इकाई) दस का था और सबसे ऊँचा दस हजार (तोमान) का था। 
  • जिसके सेनाध्यक्ष को खान कहकर पुकारा जाता था।



भारत में मनसबदारी प्रथा

  • अकबर ने जागीरदारी प्रथा के स्थान पर मनसबदारी प्रथा (Mansabdari System) के आधार पर सेना को संगठित किया। 
  • मनसबदारी सेना को संगठित करने की ऐसी व्यवस्था थी जिसमें प्रत्येक मनसबदार अपनी-अपनी श्रेणी और पद (मनसब) के अनुसार घुड़सवार सैनिक रखता था। 
  • इस व्यवस्था में मनसबदार सम्राट् से प्रति माह नकद वेतन प्राप्त करता था।
  • अकबर से पूर्व जागीदारी प्रथा के आधार पर सेना एकत्र करने की प्रथा प्रचलित थी। 
  • उसने देखा कि जागीरदार निश्चित संख्या में न घोड़े रखते हैं और न ही घुड़सवार या सैनिक रखते हैं। 
  • इसके विपरीत वे सरकारी धन को अपनी विलासता पर खर्च कर लेते थे।


उद्देश्य

  • शांति स्थापित करना
  • साम्राज्य की रक्षा
  • सीमा का विस्तार
  • विशाल और शक्तिशाली सेना की आवश्यकता
  • जागीरदारी प्रथा को खत्म करना
  • सरकारी विलासिता पर रोक लगाना

मनसबदारी व्यवस्था की विशेषताएँ

  • मनसबदारों का श्रेणियों में विभाजन
  • मनसबदारों की नियुक्ति
  • मनसबदारों का वेतन
  • मनसबदारों के कार्य
  • मनसबदारों पर पाबंदी
  • मिश्रित सवार
  • अनेक तरह के सैनिक कार्य करने वालों की भर्ती

मनसबदारी प्रथा के दोष

  • फिजूलखर्ची और विलासता को बढ़ाना
  • नैतिक पतन
  • अकबर के काल में मनसबदारी व्यवस्था में बदलाव


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By Vishwajeet Singh



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